अमित शाह बोले, NRC का विवाद हो रहा खत्म तो अब NPR को लेकर फैलाया जा रहा लोगों में भ्रम

                                                               


नई दिल्ली, एएनआइ। पिछले कई दिनों से देशभर में एनआरसी और सीएए के विरोध पर बवाल मचा हुआ था।  एनपीआर, एनआरसी, सीएए, पुलिस की बर्बरता और हिरासत केंद्रों की रिपोर्ट पर गृह मंत्री अमित शाह इन सारे सवालों के जवाब न्यूज एजेंसी एएनआइ को साक्षात्कार में दिए।


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- नागरिकता संशोधन कानून पर देशभर में हुए विरोध को लेकर अमित शाह ने कहा कि नागरिकता कानून को लेकर सबसे ज्यादा उत्तर पूर्वी राज्यों में विरोध की उम्मीद थी, लेकिन वहां तुलनात्मक रूप से शांति रही। बाकी जगहों पर राजनीतिक विरोध हुआ है।


- डिटेंशन सेंटर के सवाल पर अमित शाह ने कहा कि मेरी जानकारी के हिसाब से एक ही डिटेंशन सेंटर है, कोई और डिंटेशन सेंटर हमने शुरू नहीं किया है।


- केरल और पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों के द्वारा नागरिकता संशोधन कानून लागू करने से मना करने के सवाल पर बोले अमित शाह ने कहा कि मैं राज्यों से बात कर उन्हें समझाऊंगा।                                                                                     


- NPR को लेकर विस्तृत में बताते हुए गृह मंत्री ने कहा कि देश की जनगणना का संवैधानिक प्रोविजन 10 साल में करने का है। 2011 में पिछली जनगणना हुई थी, इसलिए अगली 2021 में होनी है। जनगणना की प्रक्रिया अप्रैल 2020 में शुरु होगी। तब मकानों की मैपिंग शुरु होगी। पूरी जनगणना और एनपीआर 2021 में होगा। 


- गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि एनपीआर को लेकर कहीं पर भी देश के किसी भी नागरिक को मन में ये संका लाने का कोई कारण नहीं है और खासकर अल्पसंख्यकों के भाई-बहनों को कि इसका उपयोग एनआरसी बनाने के लिए होगा, इसका इससे कोई लेना-देना नहीं है। NPR को लेकर कोरी अफवाहें फैलाई जा रही हैं।                                                             


-  अप्रैल 2019 से पूरे देश में कराई जाने वाली जनगणना को लेकर अमित शाह ने कहा कि एनपीआर हमारा या हमारे घोषणापत्र का एजेंडा नहीं है। यह कांग्रेस सरकार लेकर आई थी। अच्छी योजना है, इसलिए इसे हम भी कर रहे हैं।


- एनआरसी को लेकर गृह मंत्री ने कहा कि पीएम ने जो रविवार को कहा है वो सही कहा है। इसपर अभी कोई विचार नहीं किया गया है। अगर एनआरसी करना होगा तो कोई चोरी-छिपे थोड़े ही ना किया जाएगा।                                                     


- अमित शाह ने कहा कि एनपीआर से लोगों को कोई तकलीफ नहीं है, यह पहले भी हो चुका है। नागरिकता कानून को लेकर जो अफवाह फैलाई गई, उससे सवाल खड़ा हो गया है। अब नागरिकता कानून का विरोध खत्म हो रहा है, इसलिए इसको लेकर विवाद खड़ा करने की कोशिश है।


- गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मैं जनता को बताना चाहता हूं कि एनपीआर का इस्तेमाल एनआरसी के लिए नहीं हो सकता है।


- एएनआई को दिए साक्षात्कार में अमित शाह ने के कहा कि नागरिकता कानून का विवाद अब खत्म हो रहा है। इसलिए अब एनपीआर को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। राजनीति हो रही है।                                                                                 


- अमित शाह ने कहा कि एनपीआर के डेटा का इस्तेमाल सरकारी योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने के लिए होता है।


- अमित शाह ने कहा कि 2004 में एनपीआर में कांग्रेस की यूपीए सरकार ने कानून बनाया था, 2010 में जनगणना हुई थी, उसके साथ इसे किया गया था। इस बार भी वैसा ही किया जा रहा है, इसे भाजपा सरकार ने शुरू नहीं किया है।


- नागरिक संशोधन कानून पर असदुद्दीन ओवैसी की आलोचना पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अगर हम कहें कि सूर्य पूर्व से उगता है तो ओवैसी जी कहते हैं कि यह पश्चिम से नहीं उगता, वह हमेशा हमारे रुख का विरोध करते हैं। फिर भी मैं उन्हें फिर से विश्वास दिलाता हूं कि CAA का NRC से कोई लेना-देना नहीं है।                                                                         


- गृह मंत्री अमित शाह ने एएनआइ को दिए साक्षात्कार में कहा कि इस NRC पर बहस करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि अभी इस पर कोई चर्चा नहीं हुई है। पीएम मोदी सही थे। इस पर अभी तक मंत्रिमंडल या संसद में कोई चर्चा नहीं हुई है।


-गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (NRC) और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) के बीच कोई संबंध नहीं है, मैं आज इसे स्पष्ट रूप से बता रहा हूं।