अशोक गहलोत-मुख्यमंत्री राजस्थान Talked to media at PCC

                                                             



अभी से ही लोग आने लग गए हैं भारी संख्या के अंदर और ये कोई संख्या का सवाल नहीं है, ये सवाल है एक मैसेज देने का, वो मैसेज है शांति का, सद्भावना का भाईचारे का, अहिंसा का। पूरे मुल्क में पिछले 7 दिन से जो कुछ हो रहा है वो बहुत दुख:द है। पंद्रह लोग मर जाना यूपी के अंदर, ये क्या संदेश देता है देश को? जो सबसे बड़ा राज्य है देश का वहां 15 लोग मर गए। अभी हम देखते हैं टीवी के अंदर, धमकाने वाली भाषा काम में ली जा रही है, प्रॉपर्टीज़ जब्त करेंगे, एनएसए में बंद करेंगे, क्या क्या नहीं कहा जा रहा....ऐसे वक्त में जब आग लगी हुई हो तो पहले आग को शांत कैसे करें, आग को बुझाएं कैसे, वो करने की बजाय जिस रूप में स्टेटमेंट आ रहे हैं और हिंसा सिर्फ वहीं हो रही है जहां बीजेपी शासित राज्य हैं, पूना के अंदर, बंबई के अंदर, हैदराबाद के अंदर, वहां पर भी एक-एक लाख लोगों के जुलूस निकले हैं, कहीं हिंसा नहीं हुई है। 
आज प्रधानमंत्री जी से मैं अपील करना चाहूंगा, कृपा करके देश में जो कुछ हालात बन गए हैं, देशवासियों की भावनाओं को समझने की कोशिश करें। ये खाली माइनॉरिटीज का सवाल नहीं है, ये जो मैसेज गया हुआ है, मुस्लिमों के हिसाब से लोग सड़कों पर आ रहे हैं, बिल्कुल गलत है। हालात ये हैं कि छात्र चाहे वो किसी भी जाति का हो, किसी धर्म का हो, जामिया मिलिया से शुरु हुआ, पूरे देश में फैल गया। क्योंकि ये जो कानून बनाए गए हैं, इसमें सिर्फ एक कौम को टार्गेट नहीं होगी, इसमें सभी धर्म के लोग, सभी जाति के लोग तकलीफ़ पाएंगे। जैसे आपके नोटबंदी के वक्त में पूरे मुल्क में लाइनें लगी थीं, 150 लोग मारे गए थे, तब भी मोदीजी घबरा गए थे, जैसे अभी घबराए हुए हैं, मोदी जी भी और अमित शाह जी भी और सफाई देते फिर रहे हैं, उस वक्त में भी मुझे याद है घबरा गए थे। और ये कहा था मुझे सिर्फ भाइयों और बहनों 50 दिन दे दीजिए, 50 दिन में मैं सब ठीक कर दूंगा वरना मैं चौराहे पर आकर खड़ा हो जाऊंगा। 
आज हालात बहुत गंभीर बन गए हैं, मैं उनसे अपील करूंगा लोगों की भावनाओं को समझें, इसको निरस्त करें और ये विश्वास दिलाएं देश के लोगों को, अगर कोई अवैध शरणार्थी है, illegal immigrant है, अवैध घुसपैठिए हैं, उस तक कार्रवाई सीमित करेंगे। उसमें देश में किसी को चाहे हिंदू है, चाहे मुस्लिम हैं, सिख है, चाहे ईसाई है, किसी को ऐतराज नहीं है, कोई ऐतराज नहीं होगा। ये घोषणा करें जो अवैध घुसपैठिए आ गए हैं, उससे हमें चिंता है हम उसको रोकना चाहते हैं, पूरा मुल्क उनके साथ रहेगा। 
उसकी बजाय आपने क्योंकि आप असम में फेल हो गए। असम में 19 लाख लोगों का सर्वे हो गया निकालने के लिए, मालूम पड़ा 19 लाख में से 16 लाख हिंदू हैं, आज वहां पर कांग्रेस बीजेपी तमाम लोगों ने क्यों उसको रोक दिया। क्यों वहां रिवॉल्ट कर रहे हैं। क्यों वहां खिलाफत कर रहे हैं उसकी। इसलिए उसका तरीका निकाला गया आगे के लिए, ये देश समझ रहा है। ये देश समझ रहा है आप असम में फेल हो गए, जबकि सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग हो रही थी तब भी फेल हो गए आप। जब आपको मालूम है आप फेल हो गए, तब भी अमित शाह जी पिछले 4 महीने से जो भाषा बोल रहे हैं, मैं पूरे मुल्क में लागू करके रहूंगा एनआरसी, आप बताइए, आप और भड़काने वाला काम कर रहे हो। इसलिए आज लाइनों में पूरे दिन उनको लगाना है, पूरे बाप-दादाओं की हिस्ट्री पूछनी है, कागजात मांगने हैं। कितना पैसा खर्च होगा, कितनी रिसर्च की गई होगी असम के अंदर, आज असम के लोगों के बारे में जो अभी कमीशन बैठा था दिल्ली के अंदर, और वहां पर आकर लोगों ने जो अपना रिप्रजेंटेशन दिया, उन्होंने कहा कि आज लोग अवसाद के अंदर हैं लोग वहां पर असम के अंदर। लोग घबराए हुए हैं, कितने दिनों तक हमें लाइनों में लगे रहना पड़ा, सात-सात दिन तक हम सब काम छोड़कर कागजातों को ढूंढने में लग गए, मिले नहीं। कल एक पत्रकार मिला जयपुर में मुझे, 130 साल से उसकी फैमिली वहां पर रह रही है, सौभाग्य से उसके पास में 63 के कागजात मिल गए, वोटर लिस्ट में नाम मिल गया, वो बच गया वरना उसका नाम भी उसमें आ जाता। ये जो उदाहरण सामने आ रहे हैं, मैं चाहूंगा ये जो हमारा मार्च है शांति मार्च, ये पूरी तरह से मौन जुलूस के रूप में होगा, कोई नारेबाजी नहीं होगी। सिर्फ तख्तियां होंगी, उस पर लिखा होगा संदेश, उस संदेश को मैं समझता हूं केंद्र सरकार को पढ़ना चाहिए।
             अशोक गहलोत 
            मुख्यमंत्री राजस्थान