भाषा शिक्षण पर आयोजित तीन दिवसीय भाषा सम्मेलन का आयोजन
 









अजमेर, 11 दिसम्बर। भाषा शिक्षण पर आयोजित  तीन दिवसीय भाषा सम्मेलन का उद्घाटन सत्र सफलतापूर्वक आयोजित किया गया।  सत्र का उद्घाटन कुलपति प्रो. आरपी सिह   द्वारा किया गया। पद्मश्री प्रो. चंद्रप्रकाश देव सत्र में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कुलपति ने अपने वक्तव्य में शिक्षा में भाषा की आवश्यकता पर विस्तार से चर्चा की।  पद्मश्री प्रो. चन्द्रप्रकाश देवल ने बहुत रोचक और जीवंत शैली में भाषा पर अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होने  अपने वक्तव्य मे ं कहा कि भाषा के अर्जन में परिवेश की बहुत बड़ी भूमिका होती है। उन्होंने मातृभाषा के महत्व को परिभाषित करते हुए कहा कि यदि व्यक्ति मातृभाषा का अच्छा ज्ञान प्राप्त कर लेता है तो उसके लिए दूसरी भाषा सीखना आसान हो जाता है। भाषा को उन्होंने साध्य और दूसरी भाषा को सीखने के साधन के रूप में बताया।


     बुधवार को उद्घाटन सत्र के साथ दो पूर्ण अधिवेशन (प्लेनरी सेशन) आयोजित किए गए। पहले प्लेनरी सेशन के मुख्य वक्ता प्रो. रजनीश अरोड़ा निदेशक ईएफएलयू ने भाषा शिक्षण के आलोचनात्मक स्वरूप पर और दूसरे प्लेनरी सेशन के मुख्य वक्ता प्रो. सुनील कुमार, मगध विश्वविद्यालय बोध गया ने भाषा शिक्षण एवं अध्यापन कला विषय पर अपने व्याख्यान प्रस्तुत किए। उद्घाटन सत्र में प्रो. नगेंद्र सिंह, प्रभारी प्राचार्य ने कुलपति और अतिथियों का शॉल एवं श्रीफल प्रदान कर स्वागत किया। इसी सत्र में इस राष्ट्रीय सम्मेलन की स्मारिका का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम का विवरण विस्तार के साथ आयोजन सचिव प्रो. राजेश मिश्र ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के समापन पर सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी शिक्षा विभाग के अध्यक्ष डॉ अलबर्ट होरो ने आमंत्रित अतिथियों का आभार व्यक्त किया एवं धन्यवाद ज्ञापित किया। मंंच का संचालन डॉ. स्नेह सुधा और सुश्री वंदना तंवर ने किया।