मुंबई, एएनआइ। महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार के बाद बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। जालना से कांग्रेस के विधायक कैलाश गोरंट्याल ने कहा कि मेरे समर्थकों और मैंने राज्य पार्टी अध्यक्ष को अपना त्याग पत्र सौंपने का फैसला किया है। मुझे तीसरी बार विधायक के रूप में चुना गया है और मैं अपने लोगों के लिए काम करता हूं। फिर भी मुझे मंत्री नहीं बनाया गया है।
अब्दुल सत्तार ने दिया इस्तीफा!
शिवसेना के कोटे से राज्यमंत्री बनाए गए अब्दुल सत्तार के इस्तीफे की खबर आई थी। बताया जाता है कि कैबिनेट मंत्री नहीं बनाए जाने से वो नाराज थे। हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि जिला परिषद चुनाव में कांग्रेस को समर्थन देने के पार्टी के फैसले से भी वो खुश नहीं थे। हालांकि, शिवसेना ने इस खबर को पूरी तरह से गलत बताया है। वहीं पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने करारा प्रहार किया है।
सत्तार ने कुछ यूं दिया जवाब
कैबिनेट रैंक नहीं मिलने पर इस्तीफा देने के सवाल पर शिवसेना नेता अब्दुल सत्तार ने कहा कि सीएम उद्धव ठाकरे से कल मुलाकात करेंगे और फिर बोलेंगे।
एनसीपी विधायक हुए थे नाराज
मंत्रिमंडल विस्तार में जगह नहीं मिलने पर बीड के माजलगांव से राकांपा के चार बार के विधायक प्रकाश सोलंके ने सोमवार रात अपनी सीट से इस्तीफा देने के साथ ही साथ राजनीति से ही संन्यास लेने की धमकी दे दी थी। हालांकि बाद में वे मान गए। उधर, गठबंधन सरकार बनवाने में अहम भूमिका निभाने वाले शिवसेना सांसद संजय राउत भी दो बार के विधायक अपने भाई सुनील राउत को मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज हैं। वह शपथ ग्रहण समारोह हालांकि उन्होंने नाराजगी से इन्कार किया।
कांग्रेस विधायक के समर्थकों ने पार्टी दफ्तर में तोड़फोड़ की
ज्ञात रहे कि पुणे के भोर से कांग्रेस विधायक संग्राम थोप्टे को मंत्रिमंडल विस्तार में जगह नहीं मिलने पर पिछले सोमवार को समर्थकों ने प्रदर्शन किया। समर्थक इतने नाराज हो गए कि पुणे स्थित पार्टी के दफ्तर में जमकर उत्पात मचाया और तोड़फोड़ की। भोर से पार्टी के एक नेता ने कहा था कि कांग्रेस के सभी 20 पार्षदों ने संग्राम थोप्टे के समर्थन में इस्तीफा दिया। उन्होंने कहा कि उन्होंने मुंबई में पार्टी के बड़े नेताओं को त्यागपत्र सौंप दिए हैं। हालांकि संग्राम थोप्टे ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की।
उद्धव ठाकरे सरकार के पतन की शुरुआत
इस बारे में राज्य के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि यह उद्धव ठाकरे सरकार के पतन की शुरुआत है। अब्दुल सत्तार के साथ धोखा हुआ था। सरकार में सभी को मलाईदार मंत्रालय चाहिए। शिवसेना ने धोखा देने का काम किया। अब सरकार के पतन की शुरुआत हो चुकी है।'